Sunday, June 3, 2018

काशी तालाब

                                काशी तालाब 
                  महिशावती की ख्याति सुनकर काशी नरेश पुष्कर ने यहां     ( काशीतालाब ) आकर पुष्करनाथ शिवलिंग की स्थापना की स्थापना कर शिवलिंग का विधि विधान पूर्वक अनुष्ठान किया था । पुष्करनाथ शिवलिंग के प्रभाव के विषय में 
पयोष्णी महात्म्य - में लिखा है।  की कार्तिक पूर्णिमा को पुष्करनाथ शिवलिंग के दर्शन मात्र से जन्म जन्मांतरों के पाप नष्ट हो जाते है। जबकि पुष्कर तीर्थ (काशी तालाब ) में स्नान करने मात्र से दस जन्मो के पाप नष्ट हो जाते है।
बारह लिंग की स्थापना -   
                                                      इस स्थान ( काशी तालाब ) पर श्री विश्रवा मुनि (रावण के पिता ) द्वारा स्थापित  द्वादस ( बारह ) शिवलिंग आज  भी विद्यमान है।  इसी स्थान के ईशान कोण की ओर पुलस्त्य मुनि ने भी तप किया था ।
तालाब और ग्राम का नाम करण - 
                                                                      राजा काशी से आये थे इसलिए सरोवर ( तालाब ) का नाम काशी तालाब हो गया । एवं राजा का नाम पुष्कर था इसलिए समीपस्थ ग्राम का नाम पुष्करणी हो गया । जिसे वर्तमान में पोखरनी कहाँ जाता है।   


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